*नेत्रहीन जूडो की पूनम का पैरालम्पिक भविष्य ख़तरे के निशान पर* *खेल और युवा कल्याण चूक सकता है मौका* *मध्य प्रदेश की एकमात्र विकल्प पूनम शर्मा - आर्थिक संकट के हाशिये पर* पैरालम्पिक खेल ब्लाइंड एंड पैरा जूडो में मध्य प्रदेश की महिला (63 किलो) 100% नेत्रहीन जूडो ख़िलाड़ी पूनम शर्मा का चयन 11 नवम्बर 2020 से बाकू (अजरबैजान) में आयोजित होनें वाली अन्त राष्ट्रीय ब्लाइंड जूडो ग्रैंड प्रिक्स 2020 के लिए हुआ है | पूनम शर्मा को विश्व की 14वी वरियता प्राप्त है और विगत चार वर्षों में कुल 70 पैरालम्पिक अंक जोड़ चुकी हैं| पूनम शर्मा को अन्त राष्ट्रीय ब्लाइंड जूडो ग्रैंड प्रिक्स 2020 बाकू की हवाई यात्रा का व्यय, पाँच दिन रहने खाने, वीजा, किट इत्यादि के रुपये एक लाख चालीस हज़ार मात्र अन्तर राष्ट्रीय ब्लाइंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन, बाकू में तुरंत जमा करने हैं और उक्त प्रतियोगिता के लिए मध्यप्रदेश के 44 लाख दिव्यांग में वह अकेली चयनित ख़िलाड़ी हैं परन्तु उन्हें आर्थिक संकट में सहायता नहीं मिल पा रही है और न ही उनको अभी तक के ईनाम या प्रोत्साहन राशि मिल पाई है| एशियन नेत्रहीन जूडो चैंपियनशिप से दो कांस्य एवं नेत्रहीन कामनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप से दो स्वर्ण विजेता भोपाल की पूनम शर्मा ने बताया की वह सभी नेत्रहीन जूडो के खिलाड़ियों के बीच मध्यप्रदेश सरकार का एकमात्र विकल्प हैं और वह माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय खेल मंत्री जी, संचालक खेल एवं युवक कल्याण, संयुक्त संचालक (अनुदान) खेल एवं युवक कल्याण एवं सभी को मध्य प्रदेश की संस्था “श्री ब्लिस मिशन फॉर पैरालम्पिक एंड ओलंपिक” के माध्यम से अन्तर राष्ट्रीय नेत्रहीन जूडो प्रतियोगिता हेतु उत्साहित कर चुकीं हैं परन्तु यह उनके नेत्रहीन खेल जीवन की शर्मनाक स्थिति है कि मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण ज़िम्मेदारी नहीं ले रहे है और न ही कहीं से जन सहयोग मिल रहा है| “श्री ब्लिस मिशन फॉर पैरा एंड ब्राइट” के मुख्य प्रशिक्षक प्रवीण भटेले ने बताया कि पूनम जनवरी 2017 से खेल रहीं हैं और पैरालम्पिक 2021 के लिए 15 किलो वज़न बढ़ा चुकी हैं| पूनम खेलों के लिए तैयार हैं परन्तु हमें आधुनिक सोच और प्रतियोगिता की बहुत ज़रूरत है| हमारी सभी प्रतियोगिता इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन (IJF) अथवा इंटरनेशनल ब्लाइंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन (IBSA) द्वारा विश्व स्तर पर खेली जाती हैं और इनके आधुनिक नाम ग्रैंड प्रिक्स और ग्रैंड स्लैम होते हैं| उन्होंने बताया कि पूनम को भविष्य की तैयारी के लिए हरेक प्रतियोगिता ज़रूरी है चाहे पैरालम्पिक टोक्यो के लिए अंक मिले न मिले अनुभव मिलना चाहिए जो निकट भविष्य में रंग दिखाएगा | नेत्रहीन जूडो के कोच प्रवीण भटेले ने आग्रह किया कि जिस तरह से “रामेश्वर” को सोशल मीडिया पर दौड़ते देखकर शासन द्वारा तुरंत उत्साह दिखाया गया था, उससे बढ़कर नेत्रहीन जूडो ख़िलाड़ी पूनम शर्मा की स्पष्ट एवं सर्व विदित खेल प्रतिभा को पहचाना जाए एवं शासन पूरी तरह से हमारे नेत्रहीन जूडो खिलाड़ियों को सिरे से नजरंदाज नहीं करें | प्रवीण भटेले ने बताया कि हमारी नेत्रहीन जूडो की संस्था श्री ब्लिस फाउंडेशन ने पूनम शर्मा समेत मध्य प्रदेश के पाँच खिलाड़ियों से चार अन्तर राष्ट्रीय स्वर्ण, एक रजत पदक, एवं दो कांस्य दे चुकी है| यह स्टेडियम के सामान्य श्रेणी के जूडो अकादमी के खिलाड़ियों से कहीं ज्यादा बड़ा कीर्तिमान है| लेकिन हमारे नेत्रहीन जूडो खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, भोजन, चिकित्सा, शिक्षा, भ्रमण इत्यादि की व्यवस्था में कभी भी खेल एवं युवक कल्याण नें पहल नहीं की है और शासन स्तर पर कभी भी कोई प्रशिक्षण प्रोत्साहन अथवा योजना नहीं बनी है | यही सही समय है कि शासन स्तर पर भोपाल में नेत्रहीन जूडो अकादमी खोली जाए और अन्तर राष्ट्रीय पदक बटोरे जाए|
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